शरीर रक्षा शाबर मन्त्र

 ‘मन्त्र-विद्याका प्रयोग करने वाले को देहाती भाषा मेंओझाकहते हैं : ‘ओझाभी जब झाड़-फूँक ले लिए कहीं जाता है, तो घर से चलते समय या उस स्थान पर पहुँच कर सबसे पहले अपने शरीर की रक्षा के लिए शरीर-रक्षा का मन्त्र पढ़ लेता है, जिससे यदि उस स्थान पर भूत-प्रेतादि का उपद्रव हो, तो उसे हानि पहुँचा सके शरीर-रक्षा का ऐसा ही एक मन्त्र यहाँ उद्धृत है – ” जल बाँधों, थल बाँधों बाँधों अपनी काया, सात सौ योगिनी बाँधों, बाँधों जगत की माया, दुहाई कामरू कमक्षा नैना योगिनी की, दुहाई गौरा पार्वती की, दुहाई मसान की प्रयोग विधिः- उक्त मन्त्र को अधिक-से-अधिक संख्या में किसी पर्व-काल में जप लेने से वह सिद्ध हो जाता है शरीर-रक्षा की आवश्यकता पड़े, तो सिद्ध मन्त्र का नौ बार उच्चारण करके हाथ की हथेली पर नौ बार फूँक मारे और हथेली को पूरे शरीर पर फिरा दें इससे देह बँध जाएगी

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