सुलतान पीर साधना
मंत्र- jai -shivsankar
बिस्मिल्लाहरहमानअरहीम।
काला भैरो कबरीयाँ जटा।
हत्थ कड़की मोड़े मढ़ा।
यहाँ भेजूं भैरों यती।
वही हाज़िर खड़ा।
कक्की घोड़ी सब्ज लगाम।
उत्ते चढ़ सखी सुलतान।
सखी सुलतान की दुहाई।
चले मन्त्र फुरे वाचा।
देखां बाबा लक्ख दाता पीर।
तेरे ईलम का तमाशा।
मेरे गुरु का शब्द सांचा।
विधि: ये 41 दिनों का अनुष्ठान है, इसमें 11 माला प्रतिदिन करनी
है। लकड़ी के तखत पर सोना है। ये अनुष्ठान ब्रस्पतिवार
से आरम्भ करना है। और प्रत्येक ब्रस्पतिवार
को पीले मीठे चावल भी बांटने है। पांच
दीपक सरसों के तेल के जलाकर जप करना है। मीठी रोटी सरसों के
तेल में चपड़ कर कुत्तों को खिलानी है। जब अनुष्ठान पूरा होगा तब मीठी रोटी
या चूरमे
का परसाद 101साधुओं को खिलाना है। तभी से
एक अलोकिक वाणी आपके कानों में पड़ने लगे गी. जो पूछोगे उसका पूर्ण जवाब
मिलेगा चाहे भविस्य का हो या भूत का। और सुलतान पीर के आशीर्वाद से अगर
लडकियां ही पैदा
हो रही हो तो लड़का पैदा होगा।
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