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प्राचीन साबर मंत्र

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मैं प्राचीन साबर मंत्र पेज से सभी साधकों से कर बद्ध निवेदन कर रहा हूँ कि विश्व व्यापी महामारी से विश्व को बचाने के लिए मां भगवती से प्रार्थना करें।इसके लिए रात सोने के पूर्व ओम ह्रीं सर्वा बाधा प्रशमनं.....वैरि विनाशनम ह्रीं ओम का दो माला जाप करें फिर सोये।यह आज से शुरू कर दें।किसीसाधक को अगर समय है तो दुर्गा के 32 नाम माला स्तोत्र का भी पाठ करें।मां जगदम्बा की कृपा के लिए बार बार निवेदन करें। om

नौ ग्रह शान्ति प्रयोग

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मन्त्र ॐ सूर्य ग्रहा शान्ति,चन्द्रग्रहा शान्ति,रवि,मंगल,बुध,वृहस्पति,शुक्र,शनी,जम राहू,जम केतु ग्रहा शान्ती,शीरको ग्रहा,कुमको पाउको ग्रहा शान्ती ज्यामढोका शान्ती-----ॐ नमो गुरुये सोहा।। हमारे नेपाली बोन परम्परामे जब राहू और केतुका प्रभाव से कोइ व्यक्ती बिमार पड्जाते है तो नौ सुपारी,नौ ध्वजा,नौ पुष्प,नौ रेखा,पंचरंगी धागा आदि सामान के साथ लोहा,तिल,अन्न वस्त्र,धूप दीप नाखुन,बाल आदि रखकर राहू केतु लगाय नौ ग्रह शान्ति किया जाता है।।मन्त्र प्रयोग मे गुरु मन्त्र,इष्ट मन्त्र,कुल देवता मन्त्र और राहू केतु के शाबर मन्त्र प्रयोग करके अन्त मे नदिमे या कोइ सुनसान जगह मे रखकर आते है।।।

नवरात्रि पर सिद्ध करें दुर्गा के 32 नाम

सभी साधको के लिए दुर्गा के 32 नाम का स्तोत्र व मंत्र जिसे कुछ मित्रों ने पूंछा है। मैं यहां दे रहा हूँ। अथ “श्री दुर्गा बत्तीस नामवली” स्त्रोत :- दुर्गा दुर्गार्ति शमनी दुर्गापद्विनिवारिणी। दुर्गामच्छेदिनी दुर्गसाधिनी दुर्गनाशिनी दुर्गम ज्ञानदा दुर्गदैत्यलोकदवानला दुर्गमा दुर्गमालोका दुर्गमात्मस्वरूपिणी दुर्गमार्गप्रदा दुर्गमविद्या दुर्गमाश्रिता दुर्गमज्ञानसंस्थाना दुर्गमध्यानभासिनी दुर्गमोहा दुर्गमगा दुर्गमार्थस्वरूपिणी दुर्गमासुरसंहन्त्री दुर्गमायुधधारिणी दुर्गमाङ्गी दुर्गमाता दुर्गम्या दुर्गमेश्वरी दुर्गभीमा दुर्गभामा दुर्लभा दुर्गधारिणी इसे 108 बार नित्य पाठ करना है।जब तक देवी कृपा न प्राप्त हो।इसके बाद भी अगर 11,21,32,51 पाठ नित्य किया जाए तो जिंदगी में कोई समस्या आ नही सकती।हर तरह से कल्याण होता है। 2 माला रात में किया जाने वाला मंत्र इसे ओम ह्रीं पहले और अंत में ह्रीं ओम लगा कर जाप करना है।

दुर्गा सप्तसती मंत्र

 · दुर्गा सप्तसती में महामारी की शांति के लिए एक मंत्र दिया है।जिसके द्वारा सम्पुटित पाठ करने से महामारी शांत होता है।अगर कोई साधक सक्षम हों तो जरूर करें।जो सम्पुटित पाठ न कर सकें वे सिर्फ इस मंत्र का कमसे कम 108 बार यदि नित्य महामारी के शांत होने तक जाप करें तो भी जगदम्बा की कृपा जरूर मिलेगी।सभी से आवाहन करता हूँ कि कोरोना नाम के महामारी के लिए मां जगदम्बा के शरण मे चले।और उनका पूजन आराधना करें। महामारी के लिए मंत्र ॐ जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी . दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु ते।। ॐ जयन्ती मङ्गला काली भद्रकाली कपालिनी . दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु ते।।