सभी रोग मंत्र
॥ मंत्र ॥
वन में बैठी
वानरी।
अंजनी जाओ
हनुमान।
बाल डमरू
बयाही बिलाई।
आँख की पीड़ा।
मस्तक की
पीड़ा।
चौरासी बाई।
बलि बलि भसम
हो जाय।
पके न फूटे।
पीड़ा करे
तो गुरु गोरखनाथ यति रक्षा करे।
गुरु की शक्ति।
मेरी भक्ति।
फुरे मंत्र
ईश्वरो वाचा।
विधि: ५१ माला शनिवार रात को जप कर मंत्र सिद्ध कर लो।
फिर जब भी आवश्यकता पड़े तो जस्ट १०८
बार जप कर मोरपंख से रोगी को झाड़ा लग दो। चाहे रोग कुछ भी को इस मंत्र कि शक्ति से
हैट जाएगा
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